हाल ही में दिल्ली में कोरोना वायरस के बढ़ते मामले देखते हुए दिल्ली स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि राजधानी में मिलने वाले कोरोना वायरस के मामलों में से लगभग 50% मामलों का स्त्रोत पता नही है। हम नही जानते 50% लोग कैसे और कहाँ से संक्रमित हुए हैं इसलिए अब यह माना जाना चाहिए कि दिल्ली में कोरोना वायरस अपनी तीसरी स्टेज कम्युनिटी स्प्रेड में पहुँच चुका है।
स्वास्थ्य मंत्री के इस बयान के बाद से कम्युनिटी स्प्रेड या कम्युनिटी ट्रांसमिशन शब्द चर्चा में आया है। आइए जानते हैं कम्युनिटी स्प्रेड क्या होता है।
दरअसल कोई भी बीमारी महामारी बननेे से पहले चार चरणों मे गुजरती है। सबसे पहला चरण वह होता है जब कोई बीमारी देश के अंदर आती है। जैसे कोविड-19 चीन से भारत आया। इसके बाद दूसरे चरण में देश के अंदर संक्रमित लोग अन्य लोगों को संक्रमित करने लगते हैं। लेकिन इसमें कांटेक्ट ट्रेसिंग ज जरिए संक्रमण के स्त्रोत का पता लगाया जा सकता है। इस चरण में संक्रमित व्यक्ति को अलग कर उसके संपर्क में रहे व्यक्तियों की जाँच की जाती है ताकि बीमारी को फैलने से रोका जा सके। इसके बाद आता है तीसरा चरण जिसे कम्युनिटी स्प्रेड कहा जाता है।
इस चरण में लोग बड़ी सँख्या में संक्रमित होने लगते हैं और यह पता कर पाना मुश्किल हो जाता है कि उन्हें यह संक्रमण कैसे व कहाँ लग रहा है। कांटेक्ट ट्रेसिंग प्रक्रिया यहाँ काम नही करती। यदि कोई बीमारी इस चरण को प्राप्त कर ले तो उसे महामारी बनने से रोक पाना बहुत ज्यादा मुश्किल हो जाता है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री इसी चरण की बात कर रहे हैं। इसके बाद अंत में चौथा चरण आता है जिसमें वह बीमारी महामारी का रूप ले लेती है और बड़ी आबादी तेजी से संक्रमित होने लगती है।
भारत के ज्यादातर हिस्सों में कोविड 19 प्रथम या द्वितीय चरण में है लेकिन दिल्ली के बारे में स्वास्थ्य मंत्री का यह बयान चिंता का विषय है हालांकि केंद्र सरकार द्वारा किसी भी प्रकार के कम्युनिटी स्प्रेड को खारिज किया गया है।
कोई टिप्पणी नहीं:
टिप्पणी पोस्ट करें