H1B वीजा एक वर्किंग वीजा है जिसकी जरूरत विदेशियों को अमेरिका में काम करने के लिए पड़ती है। इस वीजा के जरिए अमेरिकी कंपनियां दूसरे देशों के कामगारों को अपने यहाँ नौकरी देती हैं।
H1B वीजा भारत में काफी लोकप्रिय है भारत के ज्यादातर आईटी प्रोफेशनल्स इसी वीजा का प्रयोग कर अमेरिका में नौकरी करने जाते हैं।
H1B वीजा की लोकप्रियता का सबसे बड़ा कारण है इसकी कम रिक्वायरमेंट्स का होना। यह वीजा प्राप्त करने के लिए केवल कॉलेज डिग्री व वर्किंग एक्सपीरियंस की आवश्यकता होती है। हालांकि इसके लिए अमेरिकी कंपनी की ओर से काम करने के लिए ऑफर लैटर आना अनिवार्य होता है जिसे प्राप्त करना प्रोफेशनल्स के लिए ज्यादा मुश्किल काम नही है।
H1B वीजा के लिए आवेदक सीधा आवेदन नही कर सकता बल्कि आवेदक की ओर से कंपनी इस वीजा के लिए आवेदन करती है।
भारतीय कंपनियां H1B वीजा के माध्यम से ही अपने यहाँ ऐसे कामगारों को भर्ती करती हैं जिन्हें वे भविष्य में प्रोजेक्ट्स के लिए अमेरिका भेजना चाहती हों।
शुरू में H1B वीजा 3 वर्षों के लिए दिया जाता है लेकिन इसे बाद में 6 वर्षों तक बढ़ाया जा सकता है।
H1B वीजा की सबसे बड़ी खासियत है कि इसके समाप्त होने के बाद व्यक्ति अमेरिकी नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है। इस बीच उसे योग्यता अनुसार ग्रीन कार्ड दे दिया जाता है।
H1B वीजा धारक वीजा की अवधि तक अपने परिवार को भी अमेरिका ले जा सकता है।
H1B वीजा असीमित लोग नही ले सकते प्रत्येक वर्ष अमेरिका केवल 65 हजार प्रोफेशनल्स को ही यह वीजा देता है। इसके अतिरिक्त 20 हजार H1B वीजा उन प्रोफेशनल्स को अलग से दिए जाते हैं जो अमेरिकी कॉलेज से डिग्री हासिल करते हैं।
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