हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक BS4 वाहनों की बिक्री पर रोक लगा दी है। साथ ही कोरोना लॉकडाउन के समय मार्च महीने में बड़ी संख्या में BS4 वाहनों की बिक्री पर नाराजगी जाहिर की है। साथ ही कहा है कि 31 मार्च 2020 के बाद बिके BS4 वाहनों का रजिस्ट्रेशन नही किया जाएगा। लेकिन ये BS4 वाहन आखिर होते क्या हैं आइए समझने की कोशिश करते हैं।
दरअसल BS 4 में प्रयुक्त संक्षिप्त शब्द BS की फुल फॉर्म है भारत स्टेज (Bharat Stage)
BS एक मानदंड है जो वाहनों के धुएं के माध्यम से निकलने वाले प्रदूषकों के लिए एक सीमा का निर्धारण करता है। ताकि वातावरण में फैले प्रदूषण को कम किया जा सके।
एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में वायु प्रदूषण प्रत्येक वर्ष पांच वर्ष से कम आयु के एक लाख बच्चों की मृत्यु का कारण बन रहा है वहीं देश में होने वाली मौतों के 12.5% के लिए जिम्मेदार है।
इसीलिए सरकार प्रदूषण को कम करने के लिए बहुत से कदम उठा रही है जिनमें से गाड़ियों से निकलने वाले प्रदूषण की सीमा को तय करना भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
BS के बाद लगी संख्या इसकी स्टेज (चरण) को प्रदर्शित करती है स्टेज जितनी ज्यादा होगी गाड़ी से निकलने वाले प्रदूषकों की मात्रा उतनी ही कम होगी।
उदाहरण के लिए BS 4 इंजन वाला वाहन प्रदूषण उत्सर्जन के मामले में BS 3 से बेहतर होगा।
BS मानदंड के मानक यूरोपियन नियमों के आधार पर बनाए गए हैं। इन मानकों को वर्ष 2000 में लागू किया गया था तब से ऑटोमोबाइल कंपनियों को सख्त हिदायत है कि वे इन्ही मानकों के अनुसार गाड़ी के इंजन तैयार करे।
BS मानदंड आंतरिक दहन इंजनों का उपयोग करने वाले वाहनों से नाइट्रोजन ऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन, पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) और सल्फर ऑक्साइड जैसे वायु प्रदूषकों की मात्रा की अधिक्तम सीमा को तय करता है।
अक्टूबर 2010 से पूरे देश में सभी वाहनों के लिए BS 3 मानदंड लागू कर दिए गए थे।
वहीं BS 4 को पूरे देश में अप्रैल 2017 से लागू किया गया था।
इसके बाद सरकार ने BS 5 को स्किप करते हुए सीधा BS 6 मानदंडों को लागू कर दिया है जो कि 01 अप्रैल 2020 से पूरे देश में लागू हैं।
इसीलिए अब BS 4 वाहनों की बिक्री आधिकारिक रूप से बैन कर दी गई है।
BS 4 वाहनों में सल्फर उत्सर्जन की मात्रा 50 पीपीएम (पार्ट्स पर मिलियन) थी जिसे BS 6 में घटाकर 10 पीपीएम कर दिया गया है।
वहीं BS 6 में पार्टिकुलेट मैटर की मात्रा BS 4 से 80% कम है।
ठीक ऐसे ही डीजल इंजन के BS 6 मानदंड में नाइट्रोजन ऑक्साइड की मात्रा BS 4 के मुकाबले 70% कम है।
इस प्रकार स्वास्थ्य व वातावरण पर प्रभाव डालने वाले प्रदूषकों की सीमा को BS 4 के मुकाबले BS 6 में घटाया गया है।