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Cardiac Arrest Meaning in Hindi | कार्डियक अरेस्ट का अर्थ

कार्डियक अरेस्ट को हिंदी में
" पूर्णहृदरोध " कहा जाता है।

इसे कार्डियोपल्मोनरी अरेस्ट या सर्कुलेटरी अरेस्ट के नाम से भी जाना जाता है।

हमारा हृदय लगातार रक्त को पंप करने का काम करता है ताकि शरीर में रक्त प्रवाह बना रहे।

लेकिन जब हृदय अकस्मात ही सही ढंग से कार्य करना बंद कर दे तो रक्त का संचरण अचानक से ठहर जाता है इसी स्थिति को कार्डियक अरेस्ट या पूर्णहृदरोध कहा जाता है।

कार्डियक अरेस्ट हृदयघात (हार्ट अटैक) से अलग है क्योंकि हार्ट अटैक में जहां हृदय की मांसपेशियों में रक्त बाधित हो जाता है वहीं कार्डियक अरेस्ट में हृदय की गति ही रूक जाती है। यद्द्पि हार्ट अटैक आगे चलकर कार्डियक अरेस्ट की वजह बन सकता है।

कार्डियक अरेस्ट के कारण रुका हुआ रक्त संचार शरीर में ऑक्सीजन की कमी पैदा कर देता है जिसकी वजह से मस्तिष्क में भी ऑक्सीजन की कमी हो जाती है इससे चेतना का लोप होने लगता है जिसके परिणाम स्वरूप सांस लेना असामान्य हो जाता है या बंद हो जाता है और व्यक्ति बेहोशी की हालत में जाने लगता है।

कार्डियक अरेस्ट दो शब्दों से मिलकर बना है पहला शब्द है कार्डियक (अर्थात हृदय से संबंधित); तथा दूसरा शब्द है अरेस्ट (अर्थात अवरुद्ध करना) इस प्रकार जो हृदय से संबंधित क्रियाओं को अवरुद्ध करे उसे कार्डियक अरेस्ट कहा जाता है।

कार्डियक अरेस्ट के चलते होने वाली मृत्यु को सडन कार्डियक डेथ (Sudden Cardiac Death) - हृदय गति अचानक रूकने से होने वाली मृत्यु - कहा जाता है।

मनुष्य के हृदय में एक आंतरिक विद्युत प्रणाली होती है जो हृदय की धड़कनों की लय को बनाए रखती है उस आंतरिक विद्युत प्रणाली में डिस्टर्बेंस होने पर हृदय के रक्त पंपिंग कार्य में बाधा पड़ती है। यही बाधा कार्डियक अरेस्ट कहलाती है।

कार्डियक अरेस्ट होने पर तुरंत मेडिकल सहायता की आवश्यकता होती है अन्यथा व्यक्ति की मृत्यु होने की संभावना बहुत ज्यादा होती है।

कार्डियक अरेस्ट की ऐसी स्थिति जिसमें कोई भी आंतरिक विद्युतीय गतिविधि ना हो रही हो और हृदय धड़कना बंद कर दे; तो इस स्थिति को एसिटोल कहा जाता है।

वहीं कार्डियक अरेस्ट की ऐसी स्थिति जिसमें आंतरिक विद्युतीय गतिविधि असामान्य हो जाती है जो दिल की धड़कने बनने में अड़चन पैदा करती है; इस स्थिति को वेंट्रिकुलर फिब्रिलेशन कहा जाता है।

वहीं हृदय के पूरी तरह से बंद हो जाने की स्थिति को कंप्लीट हार्ट ब्लॉक कहा जाता है।

गतिहीन जीवनशैली, उच्च रक्तचाप, हाई कोलेस्ट्रॉल, हृदय रोग, मधुमेह, नशा इत्यादि कार्डियक अरेस्ट के लिए उत्तरदायी हैं (कोलेस्ट्रॉल मनुष्यों के रक्त में पाया जाने वाला एक पदार्थ होता है जो हार्मोन्स, विटामिन डी व ऐसे सब्सटांस बनाने में सहायता करता है जो भोजन पचाने हेतु आवश्यक होते हैं; कोलेस्ट्रॉल का आवश्यक्ता से अधिक हो जाना ह्रदय संबंधी बीमारियां पैदा करता है)

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