ऐसी खगोलीय पिंड को सूर्य की परिक्रमा तो करती है लेकिन ना तो ग्रह या बौने ग्रह जितनी बड़ी होती है धूमकेतु जितनी छोटी होती है; इसलिए इसे हीन ग्रह (Minor Planet) कहा जाता है।
अभी तक पाँच लाख हीन ग्रहों को खोजा जा चुका है।
"हीन ग्रह केंद्र" नामक संगठन हीन ग्रहों के नाम और कक्षाओं का रिकॉर्ड रखता है।
सबसे अधिक हीन ग्रह सौर मंडल के क्षुद्रग्रह घेरे में पाए जाते हैं।
क्षुद्रग्रह घेरा बृहस्पति और मंगल की कक्षाओं के बीच स्थित है। असंख्य छोटे आकार के खगोलीय पिंड मौजूद हैं।
सेरेस (Ceres) सबसे पहला हीन ग्रह था जिसे वर्ष 1801 में खोजा गया था।
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