mRNA की फुल फॉर्म होती है मैसेंजर RNA; मैसेंजर RNA - RNA (राइबोन्यूक्लिक एसिड) का एकल-स्ट्रॉन्डेड अणु होते हैं जो आनुवंशिक सामग्री से बने होते हैं तथा कोशिकाओं तक यह जानकारी लेकर जाते हैं कि उन्हें कौन सा प्रोटीन बनाना है। प्राकृतिक रूप से mRNA कोशिकाओं को ऐसे प्रोटीन बनाने के लिए कहते हैं जो शरीर में हुई टूट-फुट व किसी बीमारी से हुई कमी को ठीक कर सकें।
वैक्सीन में mRNA तकनीक : वैक्सीन की सहायता से मैसेंजर RNA के जरिए कोशिकाओं को ऐसे प्रोटीन बनाने के लिए कहा जा सकता है जो किसी विशेष बीमारी के लिए उत्तरदायी वायरस को समाप्त करने के लिए इम्यून सिस्टम को एंटीबॉडीज बनाने हेतु बाध्य कर सकें।
कोरोना वैक्सीन में mRNA तकनीक : कोरोना वायरस के खिलाफ शरीर में एंटीबॉडीज बनाने के लिए मॉडर्ना और फाइजर दोनों कंपनियों ने mRNA वैक्सीन का इस्तेमाल किया है। इस वैक्सीन के जरिए कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन के कोड्स को mRNA सीक्वेंस के रूप में ढालकर तथा इन पर लिपिड कोटिंग चढ़ाकर शरीर में इंजेक्ट किया जाता है तथा इसके बाद ये mRNA सीक्वेंस कोशिकाओं को कोरोना के स्पाइक प्रोटीन की कॉपीज बनाने का निर्देश देते हैं। बड़ी मात्रा में कोरोना के स्पाइक प्रोटीन की कॉपीज बनने के बाद ये कॉपीज इम्यून सिस्टम को एंटीबॉडीज बनाने हेतु बाध्य करती हैं।
एंटीबॉडीज का कार्य : शरीर में पहले से एंटीबॉडीज मौजूद होने के कारण जब वास्तव में कोरोना वायरस का हमला होता है तो इससे पहले कि कोरोना वायरस शरीर को बीमार करे एंटीबॉडीज इसे नष्ट कर देती हैं इस प्रकार कोरोना से संक्रमित होने बाद भी व्यक्ति स्वस्थ बना रहता है।