शब्द चर्चा में क्यों : 22 मार्च 2020 को जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता कर्फ्यू की घोषणा की उसके बाद से ही "जनता कर्फ्यू" शब्द सुर्खियों में आ गया। इस घटना से पहले देश की जनता इस शब्द से मुखातिब नहीं हुई थी क्योंकि आजाद भारत के इतिहास में आज तक जनता कर्फ्यू लागू किए जाने की आवश्यकता ही नही पड़ी थी। क्योंकि इससे पहले कोरोना जैसी कोई भी महामारी देश में इतने बड़े स्तर पर नहीं फैली थी। देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में फैलने वाली कोरोना महामारी के चलते भारत में पहली बार मार्च 2020 में जनता कर्फ्यू लागू किए जाने का फैसला लिया गया था। इसकी घोषणा देश के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 दिन पहले की थी इस घोषणा में यह कहा गया कि 22 मार्च 2020 दिन रविवार को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक जनता कर्फ्यू लागू रहेगा। जनता कर्फ्यू का अर्थ : जनता कर्फ्यू मुख्य रूप से दो शब्दों से मिलकर बना शब्द है पहला शब्द है जनता अर्थात किसी भी देश में रहने वाले नागरिक। और दूसरा शब्द है कर्फ्यू जिसका अर्थ होता है बंधन लगा देना/ रोक कर रखना या कैद कर देना। इसमें लोगों को मूवमेंट करने की अन