इंडियन एविडेंस एक्ट को आप इस तरह समझिए कि जब भी कोई अपराध होता है तो उस अपराध से जुड़े हुए साक्ष्यों को किस प्रकार से जुटाना है और उन साक्ष्यों का प्रकार क्या है और कौन सा साक्ष्य कोर्ट में पहले पेश करना है कौन सा साक्ष्य बाद में पेश करना है इन सब की जानकारी हमें इंडियन एविडेंस एक्ट देता है।
यह एक्ट हमें बताता है कि जो साक्ष्य से मिला है उसे किस कैटेगरी में रखना है। इस एक्ट में सभी साक्ष्य के सभी प्रकारों के बारे में बताया गया है जैसे कि प्राथमिक साक्ष्य, द्वितीयक साक्ष्य, प्रत्यक्ष साक्ष्य, परिस्थितिजन्य साक्ष्य, वास्तविक साक्ष्य, सुना सुनाया साक्ष्य, मौखिक साक्ष्य, दस्तावेजी साक्ष्य इत्यादि।
इन सबको इंडियन एविडेंस एक्ट में एक्सप्लेन किया गया है। इंडियन एविडेंस एक्ट को हिंदी में भारतीय साक्ष्य अधिनियम कहा जाता है और यह वर्ष 1872 में अधिनियमित किया गया था उस समय भारत में ब्रिटिश शासन चल रहा था।