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Viah Di Khabar Lyrics Meaning in Hindi | व्याह दी खबर लिरिक्स का अर्थ

गाने का नाम : व्याह दी खबर
गाने की भाषा : पंजाबी
गायक: काका
गीत: काका
संगीत: काका
संगीत लेबल: सिंगल ट्रैक स्टूडियो

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तेरे व्याह दी खबर उड़ी ऐ
जां तू जान के उड़ाई होणी ऐ
तेरे आशिकां दे दिलां विच नी
आग प्यार ने लगाई होणी ऐ

तेरी शादी की खबर फैली है
या तूने जानबूझकर फैलाई होगी
तेरे आशिकों के दिलों में
आग प्यार ने लगाई होगी

कोई खुदखुशी कर ना लवे
ज़हर रगां विच भर ना लवे
कोई मिलना सबूत नहीं 
ना ही रब्ब दी गवाही होनी ऐ

कहीं कोई खुदखुशी ना कर ले
अपनी नसों में जहर ना भर ले
कोई सबूत नहीं मिलेगा
ना ही भगवान आकर गवाही देगा

खास खास अखबारां विच नी
मशहूर तेरा नाम हो गया
मैनु दारु वी नसीब ना होई
तेरा प्यार मेरा जाम हो गया

खास खास अखबारों में
तेरा नाम मशहूर हो गया
मुझे शराब भी नहीं मिली
तेरा प्यार ही मेरा जाम हो गया

जेहड़े बिना पीते टल्ली फिरदे
जेहड़े मेरे वांगु टल्ली फिरदे
तेरे नाम ने चड्ढाई होनी ऐ
तेरे आशिकां दे दिलां विच नी
आग प्यार ने लगायी होनी ऐ

जो बिना शराब पिए नशे में फिर रहे हैं
जो मेरी तरह नशे में फिर रहे हैं
उन्हें नशा तेरे नाम ने चढ़ाया होगा
तेरे आशिकों के दिलों में
आग प्यार ने लगाई होगी

एक खत बेवकत भेजेया
काहनूं कर गई खता कुड़िए
दिल आशिकां दे नरम बड़े
जान जान ना सता कुड़िए

एक खत बेवक्त भेजा
क्यों कर गई गलती कुड़िए (लड़की)
आशिकों के दिल बड़े नरम हैं
जानबूझ कर परेशान ना कर

खत दिन वेले भेजया होउ
खत दिन वेले लिख्या होउ
साड्डी रात नु तबाही होनी ऐ
तेरे आशिकां दे दिलां विच नी
आग प्यार ने लगाई होनी ऐ

खत दिन में भेजा होगा
खत दिन में लिखा होगा
हमारी रात को तबाही होगी
तेरे आशिकों के दिलों में
आग प्यार ने लगाई होगी

एह किस्सा जे मुकम्मल हुंदा
एहनु इश्क मैं किवें आख दा
बेशक तेरे बिना जिंदगी
बन गई ऐ ढेर खाक दा

अगर ये किस्सा मुकम्मल हो जाता (प्यार हासिल हो जाता)
इसे मैं इश्क कैसे कहता
बिना किसी शक के तेरे बिना ज़िंदगी
खाक का ढेर बन गई है

तेरी रूह नेहड़े रूह रहुगी
बस बूतां च जुदाई होनी ऐ
तेरे आशिकां दे दिलां विच नी
आग प्यार ने लगाई होनी ऐ

तेरी रूह के पास मेरी रूह रहेगी
सिर्फ शरीरों के बीच जुदाई होगी
तेरे आशिकों के दिलों में
आग प्यार ने लगाई होगी

वे सजना गिना के मजबूरियां
एह गल नई मुकौना चौन्दी मैं
मेरे दिल दी तां तू वी जाण दै
किसे होर दी नी होणा चौन्दी मैं

साजन गिना कर मजबूरियां
ये बात खत्म नही करना चाहती मैं
मेरे दिल की तो तू भी जानता है
किसी ओर की नही होना चाहती मैं

तू सोची ना कि बिछड़ गई
अप्पा मिलांगे जरुर हानिया
जदों चार चार मोडेया उत्ते
इस जग तों विदायी होनी ए

तू ये मत सोचना की अलग हो गई
हम जरूर मिलेंगे हमउम्र
जब चार चार कंधों पर
इस जग से विदाई होगी

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