हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 2 अगस्त 2021 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए e-RUPI प्लेटफॉर्म लांच किया है।
e-RUPI डिजिटल करेंसी की ओर एक कदम है लेकिन यह डिजिटल करेंसी नही है।
e-RUPI को नेशनल पेमेंट्स करपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) व इसके सहयोगी मंत्रालयों द्वारा विकसित किया गया है।
आने वाले समय में समाज कल्याण सेवाएं e-RUPI के माध्यम से दी जाएंगी।
e-RUPI एक वाउचर पर आधारित टेक्नोलॉजी है अर्थात यदि आपको किसी ने e-RUPI के माध्यम से भुगतान किया है तो आपको एक डिजिटल वाउचर मिलेगा।
यह वाउचर एक SMS या QR कोड के रूप में होगा।
e-RUPI किसी व्यक्ति विशेष तथा उद्देश्य विशेष को पूर्ण करने हेतु विकसित किया गया है ठीक वैसे ही जैसे कोई संस्था अपने सदस्यों को वाउचर देती है किसी विशेष उद्देश्य हेतु।
इस प्रकार यह एक प्रीपेड वाउचर है जिसे आप वहां जाकर रिडीम कर सकते हैं जहां पर इस वाउचर को मान्य किया जाएगा।
मौजूदा समय में 8 बैंक e-RUPI वाउचर को जारी व रिडीम कर सकते हैं।
ये 8 बैंक हैं स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, HDFC बैंक, एक्सिस बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, इंडसइंड बैंक और ICICI बैंक।
सरकार इस वाउचर के माध्यम से सब्सिडी देने का विचार कर रही है।
सरकार के अलावा निजी कंपनिया भी बैंकों के साथ मिलकर e-RUPI वाउचर जारी कर सकेंगे।
इस वाउचर को रिडीम करने की सुविधा हेतु लाभार्थी के मोबाइल में SMS या QR कोड भेजा जा सकेगा।
यह अन्य तरीकों की तरह ऑनलाइन नही है इसलिए इसमें ना तो इंटरनेट की आवश्यकता है ना ही कार्ड की।
SMS के माध्यम से बिना स्मार्टफोन के भी लाभार्थी इस वाउचर का प्रयोग कर सकेंगे।
इस वाउचर के माध्यम से मिलने वाले पैसे का प्रयोग केवल उसी उद्देश्य के लिए किया जा सकेगा जिस उद्देश्य के लिए वाउचर जारी किया गया होगा।
इसका प्रयोग दवा, सब्सिडी, फटीलीज़र्स इत्यादि में किया जा सकेगा।
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