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Rajya meaning in hindi | राज्य का अर्थ

राजनीतिक विज्ञान के अध्ययन का केंद्रीय बिंदु राज्य है। इस विज्ञान का संपूर्ण अध्ययन राज्य पर ही टिका हुआ है गार्नर ने तो यहां तक भी कहा है कि राजनीति विज्ञान का आरंभ और अंत राज्य से ही होता है तो वही आर जी गार्टन ने अपनी पुस्तक पॉलिटिकल साइंस में राजनीति विज्ञान की परिभाषा देते हुए कहा है कि राजनीतिक विज्ञान राज्य का विज्ञान है। तो इस प्रकार हम समझ सकते हैं कि राज्य की का महत्व राजनीतिक विज्ञान के लिए कितना अधिक है राज्य के बिना राजनीतिक विज्ञान की कल्पना करना असंभव भी है और अधूरा भी। तो इस वीडियो में हम जानेंगे कि राज्य क्या होता है राज्य की परिभाषा क्या है।

स्पष्ट अर्थों में बात की जाए तो और राज्य चार अनिवार्य तत्वों से मिलकर बनी हुई एक इकाई है। इसमें जनसंख्या, निश्चित भूभाग, सरकार और संप्रभुता का होना अनिवार्य है। इन चारों तत्वों से मिलकर जिस भौगोलिक, राजनीतिक और सामाजिक इकाई का निर्माण होता है उसे हम राज्य कहते हैं राज्य को इंग्लिश में स्टेट कहा जाता है।

संविधान के नजरिए से देखा जाए तो भारत के संविधान में राज्य शब्द को तीन अर्थों में परिभाषित किया गया है सबसे पहले अर्थ में एक देश को राज्य कहा गया है जैसे भारत एक राज्य है, दूसरे अर्थ में प्रांतों को राज्य कहा गया है जैसे कि भारत के प्रांत मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार इत्यादि राज्य हैं। इस परिभाषा का प्रयोग हम सभी प्रचलित रूप में करते हैं। इसके अलावा तीसरे अर्थ में भारत की सम्पूर्ण शासन व्यवस्था को भी संविधान में राज्य कहकर संबोधित किया गया है। तो इस प्रकार भारत के संविधान के नजरिए से मुख्य रूप से तीन परिभाषाएं है राज्य की दी गई हैं।

मौजूदा समय में राज्य शब्द का प्रयोग प्रांतों के लिए और सरकार के संदर्भ में किया जाता है। यानी कि हम जिस प्रकार अपने राज्यों पश्चिम बंगाल, हरियाणा, उत्तर प्रदेश इत्यादि को राज्य कहते हैं यहां पर राज्य शब्द का प्रयोग गलत माना जाता है। ठीक ऐसे ही हम सरकार के लिए भी राज्य शब्द का प्रयोग करते हैं इन दोनों प्रयोगों को गलत माना जाता है। मुख्य रूप से यूरोपीय परिभाषा के अनुसार चार तत्वों से मिलकर बनी इकाई ही राज्य कहलाती है ये तत्व हैं जनसंख्या, निश्चित भूभाग, सरकार और संप्रभुता। इसलिए इस इकाई के अलावा अन्य किसी संस्था इत्यादि के लिए किया गया राज्य शब्द का प्रयोग । प्रयोग माना जाता है।

राज्य शब्द की उतपत्ति

राज्य को इंग्लिश में स्टेट कहा जाता है और स्टेट शब्द लैटिन भाषा के स्टेटस से बना है लैटिन भाषा के स्टेटस शब्द का अर्थ "अन्य से तुलना में उच्च" होता है। राज्य शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग इटली के विद्वान मैकियावेली ने किया था।

राज्य की आवश्यकता

मौजूदा समय में हम जिस इकाई को राज्य कहते हैं उस राज्य का महत्व बहुत अधिक है। दुनिया के प्रत्येक व्यक्ति के लिए आवश्यक है कि वह किसी ना किसी राज्य का नागरिक हो। वर्तमान विश्व में जो लोग किसी राज्य के नागरिक नहीं है उनके लिए अपना अस्तित्व बचाए रखना काफी कठिन होता है। मौजूदा समय में प्रत्येक राज्य की एक अंतरराष्ट्रीय वैधता होना भी अनिवार्य है अंतरराष्ट्रीय वैधता के साथ ही राज्य में रहने वाला प्रत्येक व्यक्ति राष्ट्रीय स्तर के साथ साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक सम्मानीय जीवन जीने के लिए आवश्यक व अनिवार्य अधिकारों को प्राप्त करता है।

राज्य की भारतीय अवधारणा

राजा के बारे में भारतीय अवधारणा की बात की जाए तो हमें स्पष्ट रूप से कोई सुव्यवस्थित और क्रमबद्ध परिभाषा राज्य की नहीं मिलती लेकिन अलग-अलग स्रोतों से प्राप्त जानकारी के अनुसार हम कह सकते हैं कि प्राचीन भारतीय राजनीतिक चिंतन में राज्य के सात अंग गिनाए गए हैं जिनमें राजा, मंत्री, कोष, दुर्ग व सेना को शामिल किया गया है।

राज्य का वर्तमान स्वरूप

राज्य समय के साथ-साथ अपना स्वरूप बदलता रहा है मौजूदा स्वरूप में राज्य जिन स्वरूपों को पार कर पहुँचा है वे हैं आदिवासी राज्य, प्राच्य साम्राज्य, ग्रीक नगर राज्य, रोमन विश्व साम्राज्य, सामंती राज्य और आज आधुनिक राष्ट्र राज्य। राज्य के मौजूदा प्रचलित स्वरूप को राष्ट्र राज्य के रूप में जाना जाता है। वर्तमान के राष्ट्र-राज्य राष्ट्रीय चेतना की तीव्र भावना के उतपन्न होने से अस्तित्व में आए हैं।

राल्फ मिलिबैंड के अनुसार राज्य के तत्व

समाजशास्त्री राल्फ मिलिबैंड के अनुसार राज्य जिन तत्वों से मिलकर बना है वे हैं सरकार, प्रशासन, कार्यपालिका, सेना और पुलिस बल, न्यायपालिका, स्थानीय स्वशासन व प्रतिनिधि सभाएं। राल्फ ने उन सभी आवश्यक तत्वों का वर्णन किया है जो संसदीय लोकतांत्रिक गणराज्य में विद्यमान होते हैं। 

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