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Vaidhikaran meaning in hindi | वैधीकरण का अर्थ

सत्ता को वैध घोषित करने या बनाने की प्रक्रिया वैधीकरण कहलाती है। राजनीतिक विद्वान वैधता को राजनीति विज्ञान का मुख्य केंद्रीय विषय मानते हैं। वास्तव में, वैधता से हमारा तातपर्य उन विधियों से है, जिनके द्वारा सत्ताधारी अपनी सत्ता को उचित ठहराते हैं। वैधता सत्ता को परखने में सहायता प्रदान करती है। यह हमें बताती है कि सरकार या सत्ता संविधान के कानून के अनुसार कार्य कर रही है या नहीं। सरकार द्वारा बनाया गया का विधि संगत है या अवैध। यह वैधता द्वारा ही पता किया जा सकता है। सत्ता का कौन सा रूप उचित है, यह वैधता ही निर्धारित करती है। दूसरे शब्दों में, वैधता सत्ता शक्ति पर नियंत्रण रखने का एक कुशल साधन है।

मैक्स वेबर ने इस संबंध में अपने विचार प्रस्तुत करते हुए सत्ता के तीन रूपों को उचित ठहराया है, ये रूप हैं -

1. पारंपरिक वर्चस्व - इसके अनुसार व्यक्ति को सत्ता-शक्ति वंशानुगत रूप में प्राप्त होती है। सत्ता सदैव सत्ताधारी या उसके परिवार के हाथों में विद्यमान रहती है। सत्ताधारी परंपरागत मान्यताओं, परंपराओं तथा रीति-रिवाजों के कानूनों के अनुसार शासन करता है।

2. करिश्माई विधि - इसके अंतर्गत व्यक्ति भले ही साधारण परिवार से ताल्लुक रखता हो, किंतु उसमें विलक्षण योग्यता विद्यमान होने के कारण वह देश की शासन सत्ता का कार्यभार संभालता है। लोग उसकी विलक्षण योग्यता से प्रभावित होकर सहर्ष उसे अपना नेता स्वीकार कर लेते हैं और उसके आदेशों का पालन करते हैं।

3. विधिक-तार्किकता - इस विधि के अनुसार व्यक्ति को सत्ता-शक्ति का अधिकार एक प्रतियोगी परीक्षा पास करने के बाद दिया जाता है। पहले तर्क-वितर्क द्वारा व्यक्ति की योग्यता व कुशलता का परीक्षण किया जाता है और योग्य होने पर उसे एक निश्चित क्षेत्र का कार्यभार सौंप दिया जाता है, जिससे वह व्यक्ति उस क्षेत्र के अधिकारी के रूप में जाना जाता है।

इस प्रकार हम देखते हैं कि मैक्स वेबर के अनुसार वैधता के आधार पर सत्ताधारी के तीन रूप होते हैं जो राज्य के शासन को चलाने के लिए कुशल व उत्तम माने जाते हैं।

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