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Voter Turnout meaning in Hindi | वोटर टर्नआउट का अर्थ

जब हम किसी भी चुनाव के बारे में सुनते हैं तो हमें एक शब्द बार-बार सुनने को मिलता है और वह शब्द है वोटर टर्नआउट मीडिया में बार-बार इस शब्द का जिक्र आता है कि उस राज्य में वोटर टर्नआउट कम है या उस राज्य में ज्यादा है, लेकिन यह वोटर टर्नआउट आखिर होता क्या है, आज हम इस आर्टिकल में यही जानेंगे कि टर्नआउट या जिसे वोटर टर्नआउट के नाम कहा जाता है यह क्या होता है

दरअसल जहां पर भी चुनाव होता है चाहे वह कोई देश हो या राज्य वहां पर मतदाताओं की एक निश्चित संख्या होती है, जो हजारों में भी हो सकती है और लाखों में भी, लेकिन ऐसा कभी नहीं होता कि जितनी संख्या में एक स्थान पर मतदाता होते हैं उतनी ही संख्या में वो वोट भी डालने जाते हैं, वोट डालने वाले मतदाताओं की संख्या कुल मतदाताओं से कम ही होती है, तो ऐसे में यहां पर एक प्रतिशत निकाला जाता है, मान लीजिए मतदाताओं की कुल संख्या 1000 है, लेकिन जब वोटिंग होती है, तो केवल 800 मतदाता ही यहां पर वोट देते हैं, तो ऐसे में 1000 में से 800 मतदाताओं का प्रतिशत निकाला जाता है, जो कि 80% बनेगा, यहां पर यह जो प्रतिशत मिला है इसे ही वोटर टर्नआउट कहा जाता है, इसका अर्थ यह हुआ कि मतदान देने वाले मतदाता कुल मतदाताओं की संख्या के 80% हैं, किसी भी राज्य, देश या स्थान पर वोटर की संख्या के प्रतिशत में जब हम वोटर टर्नआउट निकालते हैं

इस प्रकार जितने मतदाता वास्तव में मतदान में हिस्सा लेते हैं उनकी संख्या के आधार पर निकाले गए प्रतिशत को वोटर टर्नआउट कहा जाता है, भारत की बात की जाए तो भारत का राष्ट्रीय स्तर पर टर्नआउट 67% है, तो वहीं यदि गोवा या मणिपुर जैसे राज्यों की बात की जाए तो वहां पर वोटर टर्नआउट 80 से 90% के बीच रहता है, यानी कि यहां पर प्रत्येक 100 में से लगभग 85 लोग मतदान में भाग लेते हैं, जबकि उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में यह आंकड़ा 65% के आसपास होता है

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