बढ़ती महंगाई से कर्मचारियों के रहन-सहन को प्रभावहीन बनाए रखने के लिए वेतन में की जाने वाली बढोत्तरी को महंगाई भत्ता कहा जाता है
महंगाई भत्ते की शुरुआत द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात खाद्य सामग्री के बढ़े हुए दामों के चलते की गई थी, उस समय इसे खाद्य महंगाई भत्ता कहा जाता था
भारत में इसकी आधिकारिक वर्ष 1972 शुरुआत में की गई थी,यह मुख्य रूप से सरकारी कर्मचारियों व पेंशनधारकों को मिलता है
महंगाई भत्ते के आंकलन पिछले 12 महिने के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के औसत के आधार पर निकाला जाता है
महंगाई भत्ते की शुरुआत द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात खाद्य सामग्री के बढ़े हुए दामों के चलते की गई थी, उस समय इसे खाद्य महंगाई भत्ता कहा जाता था
भारत में इसकी आधिकारिक वर्ष 1972 शुरुआत में की गई थी,यह मुख्य रूप से सरकारी कर्मचारियों व पेंशनधारकों को मिलता है
महंगाई भत्ते के आंकलन पिछले 12 महिने के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के औसत के आधार पर निकाला जाता है
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