मंगलयान एक ऑर्बिटर है जो मंगल ग्रह के चारो ओर चक्कर लगाकर उसके बारे में जानकारी एकत्रित करता है।
मंगलयान, मंगल ग्रह पर भेजा गया भारत का पहला ऑर्बिटर है जिसे भारत की अंतरिक्ष एजेंसी ISRO ने विकसित किया है।
मंगलयान शब्द मंगल ग्रह और यान (यानी अंतरिक्ष में उड़ने वाला वाहन), इन दो शब्दों को जोड़कर बनाया गया है।
मंगलयान को वर्ष 2013 में छोड़ा गया था, 8 वर्ष तक कार्य करने के पश्चात 2022 में इससे ISRO का संपर्क टूट गया।
मंगलयान को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उपग्रह प्रक्षेपण यान PSLV के जरिए छोड़ा गया था।
मंगलयान वर्ष 2014 में मंगल पर पहुँचा जिसके बाद भारत दुनिया में अपने प्रथम प्रयास में ही सफल होने वाला पहला देश तथा सोवियत रूस, नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के बाद मंगल पर पहुँचने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया, साथ ही यह मंगल पर भेजा गया सबसे सस्ता मिशन भी बना। इसी मिशन ने भारत को मंगल पर पहुँचने वाला प्रथम देश बनाया।
मंगलयान, मंगल ग्रह पर भेजा गया भारत का पहला ऑर्बिटर है जिसे भारत की अंतरिक्ष एजेंसी ISRO ने विकसित किया है।
मंगलयान शब्द मंगल ग्रह और यान (यानी अंतरिक्ष में उड़ने वाला वाहन), इन दो शब्दों को जोड़कर बनाया गया है।
मंगलयान को वर्ष 2013 में छोड़ा गया था, 8 वर्ष तक कार्य करने के पश्चात 2022 में इससे ISRO का संपर्क टूट गया।
मंगलयान को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उपग्रह प्रक्षेपण यान PSLV के जरिए छोड़ा गया था।
मंगलयान वर्ष 2014 में मंगल पर पहुँचा जिसके बाद भारत दुनिया में अपने प्रथम प्रयास में ही सफल होने वाला पहला देश तथा सोवियत रूस, नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के बाद मंगल पर पहुँचने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया, साथ ही यह मंगल पर भेजा गया सबसे सस्ता मिशन भी बना। इसी मिशन ने भारत को मंगल पर पहुँचने वाला प्रथम देश बनाया।