वार एक पंजाबी भाषा का शब्द है जो कि सिख धर्म से जुड़ा हुआ है
वार का हिंदी में अर्थ होता है गाथा गीत या कथात्मक गीत यानी जब कोई कथा या कहानी जो प्रेम या वीरता से जुड़ी होती है उसे गीत के रूप में गाया जाता है तो इसे 'वार' जाता है
यह सिख धर्म में जो भी वीर योद्धा रहे हैं उनकी वीरता का गुणगान करने के लिए गाई जाती है। सिख धर्म में प्रचलित वार में आसा दी वार और चंडी दी वार का नाम लिया जा सकता है
इस प्रकार वार पंजाबी में एक कविता के रूप में गाया गया गीत होता है जो पौराणिक कथाओं में रहे वीर यौद्धाओं की कहानियों तथा ऐतिहासिक घटनाओं का वर्णन करता है
इस प्रकार वार पंजाबी में एक कविता के रूप में गाया गया गीत होता है जो पौराणिक कथाओं में रहे वीर यौद्धाओं की कहानियों तथा ऐतिहासिक घटनाओं का वर्णन करता है
जैसे कुछ उदाहरणों में हम देख सकते हैं कि राजा दुल्ला भट्टी के कारनामों का वर्णन भी वार के रूप में यानी गाथा गीतों के रूप में किया गया है
वहीं यदि सिख धर्म से अलग बात की जाए तो हम अमीर खुसरो द्वारा रची गई वार को ले सकते हैं जो उसने 1320 में दिल्ली की गद्दी पर बैठे तुगलक के लिए गई थी, ठीक ऐसे ही हम नजाकत की नादिर शाह के लिए गाई गई वार को देख सकते हैं जिसे नादिरशाह द्वारा दिल्ली पर किए गए आक्रमण के बारे में गाया गया है
हालांकि ऐसा नहीं है कि वार केवल वीरगाथा के रूप में ही गाई जाती है यह भक्ति रस और त्याग के रूप में भी रची जा सकती है जैसे सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह ने चंडी दी वार को एक रहस्यमई पीर के रूप में हुए अनुभव का बखान करते हुए गाया था
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