संसद में मुख्य रूप से चार प्रकार के बिल प्रस्तुत किए जाते हैं और उन्हीं में से एक प्रकार को मनी बिल कहा जाता है, इसे हिंदी में धन विधेयक कहा जाता है। इसकी परिभाषा अनुच्छेद 110 में है, यह अनुच्छेद मुख्य रूप से धन विधेयक की परिभाषा देने के लिए ही बनाया गया है। इसके अंतर्गत यदि कोई बिल कर का निरूपण करता है, केंद्र सरकार द्वारा उधार लिए गए धन के नियम से संबंधित है, भारत की संचित निधि या आकस्मिकता निधि की अभिरक्षा करता है, किसी निधि में धन जमा करने से धन निकालने से संबंधित है तो उसे मनी बिल माना जाएगा। उपरोक्त आधार मुख्य है लेकिन इनके अलावा पैसे से जुड़े अन्य आधारों पर भी किसी बिल को मनी बिल कहा जा सकता है।