वह जो करने के योग्य नहीं होता उसे अकरणीय कहा जाता है, इसके अलावा ऐसा कुछ भी जो अनैतिक हो उसे भी अकरणीय है कहा जाता है क्योंकि अनैतिक कुछ ऐसा होता है जिसे किया नहीं जा सकता। अकरणीय के अन्य अर्थ हैं अकृत्य, अविधेय, अनुचित तथा अनैतिक
कोई ऐसी बात जिसका कोई अर्थ ना हो को अकबक कहा जाता है, बिना अर्थ के की गई बकवास भी अकबक कहलाती है, इसके अन्य अर्थ हैं बकवास, अंडबंड, निरर्थक बात। इसके अलावा व्यर्थ का प्रलाप या चिंता भी अकबक कहलाती है इसलिए इसके अन्य अर्थ हैं - अनर्गल प्रलाप, चिंता तथा घबराहट
वह जो कहने के लायक ना हो या कहा ना जा सकता हो, को अकथ्य कहा जाता है, इसके अन्य अर्थ हैं अकथ, अकथनीय, कहने की सामर्थ्य के बाहर, वर्णनातीत। वर्णनातीत का अर्थ होता है वह जिसका वर्णन ना किया जा सकता हो।
कुछ भी ऐसा जो कहने योग्य ना हो अकथनीय कहलाता है यानी उसे व्यक्त नहीं किया जा सकता, इस प्रकार जो व्यक्त ना किया जा सके या जो अवर्णनीय हो को अकथनीय कहा जाता है, इसके अन्य अर्थ हैं अकथ्य, अकथ, गोपनीय तथा अद्भुत। अद्भूत इसलिए क्योंकि कुछ ऐसा जिसके बारे में शब्दों में ना बताया जा सके वो अद्भुत या अकथनीय कहलाता है ।
वह व्यक्ति जो अकड़बाज होता है उसे अकड़ू कहा जाता है यानी ऐसा व्यक्ति बात-बात में हठ करने वाला होता है या जो अपने गरूर में ही मदमस्त रहता है। अकड़ू शब्द के अन्य अर्थ हैं हेकड़ीबाज़, अकड़बाज़, अकड़ैत
अकड़ दिखाने की क्रिया या फिर अकड़ दिखाने का जो भाव होता है उसे अकड़बाजी कहा जाता है अकड़ बाजी के अन्य अर्थ है मगरूरियत, हेकड़ीबाज़ी, अकड़, ऐंठ, अड़ियलपन तथा दंभ
कंपन ना होने की स्थिति यानी जिसमें कंपन का अभाव हो को अकंपन कहा जाता है, इस प्रकार इसके पर्यायवाची शब्दों के रूप में में कंपनरहित, स्थिर, दृढ़, तथा कठोर शब्दों का प्रयोग किया जा सकता है
वह जो बिना काँटे का हो को अकंटक कहा जाता है, कांटा विघ्न तथा बाधा का पर्यायवाची होता है इसलिए अकंटक का एक अर्थ विघ्नरहित, निर्विघ्न या बाधारहित भी होता है, शत्रु शब्द भी कांटे का पर्यायवाची है इसलिए जो शत्रु से रहित हो उसे भी अकंटक कहा जा सकता है